जिनके ह्रदय में भगवान का नाम नही है , उनके समस्त कार्य निरर्थक और रुचिहीन हो जाते हैं।
वह चाहे अपने शरीर का कितना भी श्रृंगार करे और सजाए,परंतु भगवात् नाम के बिना एसा लगता है की उनकी नाक काट दी गई है।
– श्री गुरुग्रंथ साहिब, राग प्रभाती
श्री राम
जिनके ह्रदय में भगवान का नाम नही है , उनके समस्त कार्य निरर्थक और रुचिहीन हो जाते हैं।
वह चाहे अपने शरीर का कितना भी श्रृंगार करे और सजाए,परंतु भगवात् नाम के बिना एसा लगता है की उनकी नाक काट दी गई है।
– श्री गुरुग्रंथ साहिब, राग प्रभाती
श्री राम