श्री सुरभ्यै नमः । श्री सीताराम । निताई गौर राधेश्याम हरे कृष्ण हरे राम ।
श्री सुरभ्यै नमः । श्री सीताराम । निताई गौर राधेश्याम हरे कृष्ण हरे राम ।
राम नाम सदा प्रेम्णा संस्मरामि जगद्गुरूम् ।
क्षणं न विस्मृतिं याति सत्यं सत्यं वचो मम ॥
(आदि पुराण)
श्री कृष्ण अर्जुन से कहते है की मै सत्य सत्य कहता हूँ - मै सदा जगद्गुरु श्रीराम नाम का प्रेमपूर्वक स्मरण करता हूँ और क्षण मात्रा के लिए भी नहीं भूलता ।
जपतः सर्वमन्त्रांश्च सर्ववेदांश्च पार्वति ।
तस्मात् कोटिगुणं पुण्यं रामनाम्नैव लभ्यते ॥
(पद्मपुराण)
भगवन शिव कहते है की पार्वती - सभी मंत्रो का और सभी वेदों का जप करने से जो फल प्राप्त होता है, उससे करोड़ गुना फल केवल एक राम नाम के उच्चारण से प्राप्त हो जाता है ।
रामनामैव नामैव नामैव मम् जीवनम् ।
कलौ नास्त्येव नास्त्येव नास्त्येव गतिरन्यथा ॥
(स्कंदपुराण)
महर्षि सनत्कुमार नारद जी से कहते है की केवल श्री राम नाम ही हमारा जीवन जीवन है । कलियुग में राम नाम के बिना और किसी उपाय से जीवो कि सद्गति नही हो सकती, नहीं हो सकती, नहीं हो सकती ।
रामेत्यक्षरयुग्मं हि सर्वं मंत्राधिकं द्विज ।
यदुच्चारणमात्रेण पापी याति पराङ्गतिम् ॥
(पद्मपुराण)
राम यह दो अक्षर वाला मंत्र सभी मंत्रो से अधिक श्रेष्ठ है, इसके उच्चारण मात्र से महापापी भी परम गति को प्राप्त कर लेता है।
विष्णोरेकैकनामापि सर्ववेदाधिकं मतम् ।
तादृङ्नामसहस्त्रेण रामनाम समं स्मृतम् ।।
(पद्मपुराण)
भगवान विष्णु का एक-एक नाम भी सम्पूर्ण वेदों से अधिक माहात्म्य शाली माना गया है। ऐसे एक सहस्र नाम के तुल्य राम नाम कहा गया है।
न देशकालनियमः शौचाशौचविनिर्णयः ।
परं संकीर्तनादेव राम रामेति मुच्यते ॥
राम नाम के जप मे न देश काल का नियम है, और न ही पवित्रता अपवित्रता का नियम है। किसी भी अवस्था मे राम नाम का संकीर्तन करने मात्र से जीव मुक्त हो जाता है।
Sri Hanuman ji (Hanuman Gadhi)
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